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तवान्ग के टॉप आकर्षक पर्यटन

 

तवान्ग के टॉप आकर्षक पर्यटन स्थलों की जानकारी

यह लेख उनके लिए हैं, जिन्हे प्रकृति की सुन्दरता को अपनी यादों में संजाने या कैमरे में कैद करना पसन्द हैं। पूर्वोत्तर भारत में स्थित अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर से ४५० किमी दूर स्थित तवान्ग शहर ऐसे लोगों के लिए एक आदर्श स्थल है। प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर तवान्ग जिसे दावांग के नाम से भी जाना जाता है में यात्रा को खूबसूरत प्रारूप देने वाले कई दर्शनीय स्थल है।

बौद्ध भिक्षुओं के इस क्षेत्र को जिसमें सुन्दर बौद्ध मठों के साथ साथ उनकी तिब्बती सभ्यता, जिसे शब्दों में वर्णन करना सम्भव नहीं है। तवान्ग एक ऐसी जगह है, जो अध्यात्म की महक में लिपटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता से आने वाले सभी पर्यटकों को अपने रंग रूप में विलीन कर लेती है। सुन्दर आर्किड और टीपी ऑर्किड अभयारण्य में घूमने के साथ ही साथ इस क्षेत्र के अनूठे व्यंजन, आपकी तवान्ग की यात्रा के अनुभव को और भी रोमांचकारी बना देते है।

तवान्ग यात्रा का सबसे अनुकूल समय 

तवान्ग, प्रत्येक आयु वर्ग को अपनी और आकर्षित करते हुए सबके लिए कुछ न कुछ रोमांचकारी अनुभव प्रदान करता है। तवान्ग अपनी छोटी गर्मियों और मानसून के समय ( मार्च से सितम्बर ) में घूमने और तवान्ग की सभ्यता और संस्कृति को जानने का सबसे बेहतरीन समय है। लेकिन एडवेंचर के शौकीन लोगों के लिए यह समय नवंबर से जनवरी का है जब यह क्षेत्र बर्फ की नई चादर को ओड लेता है। इस समय तापमान १-३ डिग्री सेल्सियस के मध्य रहता है। 


तवान्ग यात्रा के लिए इनर लाइन परमिट ( ILP ) कैसे बनवायें 

आपको तवान्ग में प्रवेश के लिए इनर लाइन परमिट की आवश्यकता होती है। जिसे गुवाहाटी या तेजपुर में बने हुए अरुणाचल प्रदेश के रेजिडेंट कमिश्नर के कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है। जिसकी जाँच भालुकपोंग बॉर्डर क्रासिंग पर की जाती है। इसे आप अरुणाचल प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट arunachalilp.com पर आवश्यक दस्तावेजों को जमा करके ऑनलाइन भी प्राप्त कर सकते है। 


तवान्ग कैसे पहुंचे 

हवाई मार्ग से तवान्ग 

सबसे निकटतम हवाई अड्डा गुवाहाटी में है। जो तवांग से ५२० किमी दूर है और देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। हवाई अड्डे से बाहर निकल कर आप तवान्ग के लिए टैक्सी ले सकते है अथवा तेजपुर तक राजकीय बस सेवा की भी सेवा ले सकते है। वैकल्पिक रूप में गुवाहाटी से तवान्ग के लिए सप्ताह में दो बार हेलीकाप्टर सेवा भी उपलब्ध है।

ट्रेन मार्ग से तवान्ग 

तवांग का निकटतम रेलवे स्टेशन तेजपुर में है। जहां से तवान्ग की दूरी ३३० किमी के लगभग है। तवांग के लिए तेजपुर से APSTC की  बस सेवा या किराये पर टैक्सी उपलब्ध है। जिसका प्रयोग करके आप सुगमता से तवान्ग पहुंच सकते है।  

सड़क मार्ग से तवान्ग 

सड़क मार्ग से तवान्ग, अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख शहरो से जुड़ा हुआ है। जिनसे बड़ी ही आसानी से राज्य संचालित बसों व निजी बसों और किराये पर उपलब्ध एसयूवी द्वारा पहुंचा जा सकता है। 

तवान्ग के मुख्य आकर्षण 

सेला दर्रा ( सेला पास )

सेला दर्रा
सेला दर्रा

सेला दर्रा एक बर्फ की चादर से ढका हुआ सुंदर मार्ग है जो अरुणाचल प्रदेश के तवान्ग जिले को देश के विभिन्न शहरों से जोड़ता है। यहाँ यात्रा करने का सबसे अच्छा समय मार्च से मई तक है जब बर्फबारी की संभावना सबसे कम होती है। यहाँ का मुख्य आकर्षण यहाँ के शानदार दृश्य है।

 

सेला दर्रा के विषय में विस्तार से पढ़े। 


घूमने के लिए आवश्यक समय  - २ से ३ घण्टे। 


तवान्ग मठ ( तवान्ग मोनेस्ट्री )

तवान्ग वह सुन्दर भूमि है जिसमे प्रकृति के मनोरम पहाड़, स्वच्छ और शांत गांव के साथ ही साथ जादुई गोम्पा है।इन सबके बीच अरुणाचल प्रदेश का सबसे लोकप्रिय मठ जो हमेशा ही सुर्खियों का हिस्सा रहता है वह है - तवान्ग मठ या गादेन नामग्याल ल्हात्से। १०००० फीट ही ऊंचाई पर स्थित लोकप्रिय स्थल है जिसकी स्थापना १८६०-६१ ईस्वी में मराक लामा लोद्रे ग्यामत्सो द्वारा की गयी थी।

तवान्ग मठ तवान्ग मठ
दूर से देखने में एक किले के भांति, इंडोनेशिया में उपस्थित बोरोबुदुर के बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मठ के रूप में जाना जाता है। जिसकी भव्यता को वर्णित लगभग ९२५ फीट लम्बे और १० से २० फीट ऊँचे विशाल द्वार करते है। मठ का मुख्य भवन सुन्दर कलाकृतियों से सजी हुई है किन्तु सबसे ज्यादा प्रसिद्धि "दुखंग" या "असेम्बली हॉल" को मिली है। जिसकी दीवारों पर कई बौद्ध भिक्षुओं के शानदार चित्र बने हुए है। इसके अतिरिक्त मठ का सबसे महत्वपूर्ण संरचना उसका कोर्ट है जिसका प्रयोग धार्मिक त्योहारों के आयोजनों के लिए किया जाता है। मठ की उत्तरी हिस्से के मध्य में बानी भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा विराजमान है। 

समय  - प्रातः ७:०० बजे से शाम ७:०० बजे तक। 
घूमने के लिए आवश्यक समय  - २ से ३ घण्टे।

तख्तसांग गोम्पा 

तख्तसांग गोम्पा एक पहाड़ी की चोटी पर एक चट्टान पर लगभग १२५०० फीट की ऊंचाई पर स्थित है। जिसका शाब्दिक अर्थ है - टाइगर ड़ेन। पहली नजर आपको इसके सामने अपने को कमजोर महसूस करने को बाध्य कर देती है। इसकी शांति पूर्ण वातावरण का पता इसी बात से चल जाता है की इतनी ऊंचाई पर जब सिर्फ और सिर्फ आप हवा के चलने की हल्की से हल्की ध्वनि को अनुभव कर सकते है। स्थानीय किंवदंती के अनुसार, गुरु पद्यसंभव ने इस स्थल पर स्थित गुफा में कुछ समय के लिए ध्यान किया था। तवान्ग में यात्रा के दौरान सबसे बेहतरीन स्थलों में से एक होने के कारण इस स्थान को अपनी सूची में अवश्य समलित करे। तथा ध्यान रखे की अपना कैमरा आप के साथ हर पल हो क्योकि यह एक अद्भुत दृश्यों का साक्षी हमेशा से ही रहा है।

तख्तसांग गोम्पातख्तसांग गोम्पा

तवान्ग से मात्र ४० किमी की दुरी पर स्थित तख्तसांग गोम्पा के लिए दो घंटे की यात्रा करनी पड़ेगी। और यदि ज्यादा ही वास्तविक प्राकृतिक अनुभव का आनन्द लेना चाहते है तो बुमला दर्रे से Y जंक्शन पर संगीतसर झील की ओर मुड़ते हुए, झील से १५ मिनट की बेहतरीन ट्रैक का आनन्द ले। 

समय  - प्रातः ७:०० बजे से शाम ७:०० बजे तक। 
घूमने के लिए आवश्यक समय  - २ से ३ घण्टे।

शोंगा-सेर झील ( माधुरी झील )

तख्तसांग गोम्पा के बाद देखे जाने वाली सबसे जगह शोंगा-सेर झील है। झील तवान्ग से ४२ किमी की दूरी पर स्थित फोटोग्राफी के लिए एक अद्भुत और आदर्श स्थल है। १९७१ के पूर्व तक यह स्थल एक घास के मैदान के रूप में था किन्तु १९७१ में आये भूकम्प ने इस घास के मैदान में एक झील का निर्माण कर दिया। मानसून के दौरान यह स्थल एक सुरम्य स्थान बन जाता है किन्तु सर्दियों के मौसम में यह पूरा स्थान बर्फ की सफेद चादर से ढक जाता है।

तवान्ग के टॉप आकर्षक पर्यटन स्थलों की जानकारी तवान्ग के टॉप आकर्षक पर्यटन स्थलों की जानकारी

इस झील को प्रसिद्धि मिलने का कारण अभिनेत्री माधुरी दीक्षित के फिल्म कोयला में इस झील पर फिल्माये गए गाने से हुआ। जिसके कारण उसके बाद से इसे माधुरी झील के नाम से जाना जाने लगा। 


समय  - प्रातः ८:०० बजे से शाम ५:०० बजे तक। 
घूमने के लिए आवश्यक समय  - १ से २ घण्टे।

नूरानांग झरना 

तवान्ग के टॉप आकर्षक पर्यटन स्थलों की जानकारी
बोंग बोंग वाटर फाँल्स
सेला दर्रे के उत्तरी ढलानों से निकलने वाली नदी आगे जा के एक झरने में बदल जाता है तथा १०० मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरता है। झरना आगे जाके तवान्ग नदी में मिल जाती है। चूंकि यह झरना तवान्ग और बोमडिला को जोड़ने वाली सड़क पर जंग नामक स्थान से अति निकट है इसलिए इसे जंग वाटर फाँल्स या बोंग बोंग वाटर फाँल्स भी कहा जाता है। इस झरने से जुडी एक कथा है, की नूरा नाम की लड़की जिसने सिपाही जसवंत सिंह रावत की १९६२ ने हुए भारत-चीन युद्ध में उसे रसद पहुँचती थी के नाम पर रखा गया है। 


झरने के ठीक नीचे एक छोटा सा जलविद्युत सयंत्र भी लगाया गया है जो इस क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति करता है। नूरानांग झरने के मनोरम दृश्यों का आनन्द लेने के लिए पूरे तवान्ग से सुगमता से राजकीय बेस मिल जाती है। झरने को अपने पूर्ण स्वरुप में देखने के लिए सबसे अच्छा समय नवंबर से अप्रैल का है। 


समय  - प्रातः ८:०० बजे से शाम ६:०० बजे तक। 
घूमने के लिए आवश्यक समय  - २ से ३ घण्टे।

गोरीचेन पीक 

तवान्ग के टॉप आकर्षक पर्यटन स्थलों की जानकारी
गोरीचेन पीक

अरुणाचल प्रदेश की सबसे ऊँचा शिखर ६८५८ मीटर की ऊंचाई पर स्थित गोरीचेन पीक है। इसे सा-नगा फु के नाम से भी जाना जाता है। इसे तवान्ग में रहने वाली जनजाति मोनपा द्वारा एक पवित्र स्थल माना जाता है। क्योंकि उनका मानना है यह पहाड़ी शिखर उन्हें बुराइयों से बचाता है। बोमडिला से तवान्ग की यात्रा करते समय इसकी सुंदर झलक देखने को मिलती है बस आप भाग्यशाली होने चाहिए की उस दिन मौसम खुला हुआ हो। 

नूरानांग से मात्र २५ किमी की दूरी होने कारण, नूरानांग झरने का आनन्द लेने के बाद यहाँ जाना तो बनता ही बनता है। ट्रैकिंग और कैंपिंग के साथ ही साथ यह स्थल अनुभवी पर्वतारोहियों को चढाई के अवसर प्रदान करता है। 

यहाँ यात्रा करने का सबसे अच्छा समय गर्मी और मानसून के बाद का समय है। 


समय  - प्रातः ८:०० बजे से शाम ५:०० बजे तक। 
घूमने के लिए आवश्यक समय  - ३ से ४ घण्टे।

बुमला दर्रा 

समुद्र तल से १५२०० फीट  ऊंचाई पर स्थित दर्रा भारत चीन की सीमा रेखा को चिन्हित करता है। यह स्थान आने वाले हर भारतीय के दिलो दिमाग में तुरन्त ही देश भक्ति की भावना जगा देता है कि किस प्रकार देश के वीर सपूत खराब मौसम में भी इस देश की रक्षा कर रहे है। 

दर्रे का महत्व इसलिए भी है क्योकि दलाई लामा से इसी दर्रे से होकर भारत में प्रवेश किया था। 

बुमला दर्रे के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए क्लिक करें। 


समय  - प्रातः ८:०० बजे से शाम ५:०० बजे तक। 
घूमने के लिए आवश्यक समय  - १ से २ घण्टे।

पी. टी. त्सो झील ( पेंगोंग तेंग त्सो झील )

तवान्ग के टॉप आकर्षक पर्यटन स्थलों की जानकारी

पेंगोंग तेंग त्सो झील

यह झील माधुरी झील के बाद तवान्ग का मुख्य आकर्षण वाली झील है। झील १४०० फीट की ऊंचाई पर स्थित शांत पानी, काफी घने बादलों, बर्फ से ढके जंगल के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करते है, जब आप इस झील की यात्रा करते है। 

अरुणाचल प्रदेश के इस स्थान पर दो अलग अलग प्रकार के वातावरण पाए जाते है। जब यह प्रदेश ठंडा रहता है तो सब तरफ सफेद बर्फ अपनी सुंदर चादर से धरती को ढक लेती है वही जब गर्मियां आती है इस स्थान को लैपिस के नीले फूलो से ढक जाता है। आकर्षण खोजने वालो के लिए यह स्थान स्वर्ग है। 

हाल ही (२६ मई २०२२) में भारतीय बिदेश मंत्रालय  ने चीन द्वारा इस झील पर दूसरे पल का निर्माण करने की पुष्टि की है। भारत ने अपने क्षेत्र में इस तरह के अवैध कब्जे और अनुचित चीनी दावे या ऐसी निर्माण गतिविधियों को कभी स्वीकार नहीं किया है।

समय  - प्रातः ८:०० बजे से शाम ५:०० बजे तक। 
घूमने के लिए आवश्यक समय  - २ से ३ घण्टे।

बाप तेंग कांग झरना ( बी टी के फॉल्स )

जेमीथांग के मार्ग पर तवान्ग से ८५ किमी की दूरी पर स्थित युमखांग में स्थित एक ऐसा झरना है। जिसमें तैरने और पानी में खेलने का आनन्द लिया जा सकता है। हरी भरी हरियाली के बीच मात्र ३० मीटर ऊँचा यह झरना एक बेहतरीन आकर्षण है। गर्मी का मौसम सबसे अनुकूल समय है यहाँ की यात्रा का। 


समय  - प्रातः ८:०० बजे से शाम ५:०० बजे तक। 
घूमने के लिए आवश्यक समय  - २ से ३ घण्टे।

जसवंत गढ़ युद्ध स्मारक 

तवान्ग के टॉप आकर्षक पर्यटन स्थलों की जानकारी तवान्ग के टॉप आकर्षक पर्यटन स्थलों की जानकारी

मरणोपरांत महावीर चक्र विजेता राइफलमैन जसवंत सिंह रावत अपनी जिस पोस्ट पर १९६२ के भारत चीन युद्ध में चीनी सेना को रोके रखा था। उनकी इसी पोस्ट को एक स्मारक के रूप में बदल दिया गया। यह देश के सपूतों को दी गयी एक छोटी सी श्रद्धांजलि के रूप में अतुलनीय माला का वो मोती है जिसे देखे बिना तवान्ग की यात्रा अधूरी रह जाती है।

१०००० फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित तवान्ग से २५ किमी दूर जसवंत गढ़ को जसवंत गढ़ युद्ध स्मारक के रूप में जाना जाता है। इस क्षेत्र में आप देश की सुरक्षा में तैनात गढ़वाल राइफल्स के सिपाहियों को भी देख सकते है। 

समय  - प्रातः ९:०० बजे से शाम ५:०० बजे तक। 
घूमने के लिए आवश्यक समय  - १ से २ घण्टे।



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