निलक्कल महादेव मन्दिर भारत के दक्षिणी राज्य केरल के पथानामथिट्टा जिले के निलक्कल में स्थित एक प्राचीन हिन्दू तीर्थस्थल है। जिसके अधिष्ठाता भगवान शिव है। निलक्कल महादेव मन्दिर, चूंकि हरे भरे जंगल और रबर के बागानों के मध्य में स्थित है, अतः सबरीमाला में भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए जाने वाले उनके भक्तों के लिए एक आरामदायक विश्राम स्थल जिसे स्थानीय भाषा में इदाथवलम के नाम से भी जाना जाता है के रूप में एक सुखद स्थल है।
निलक्कल महादेव मन्दिर में की जाने वाली पूजा
उषा पूजा
उच्च पूजा
अष्ट पूजा
निलक्कल महादेव मन्दिर में मनायें जाने वाले पर्वोत्सव
किसी भी शिव मन्दिर की ही भांति महा शिवरात्रि का पर्व निलक्कल महादेव मन्दिर में मनाया जाने वाला मुख्य पर्व है। इसके अतरिक्त थिरुवोत्सवम को भी यहाँ पर भव्य रूप में मनाया जाता है। जिसमे भक्त हजारों की संख्या में उपस्थित होकर निलक्कल महादेव की पूजा अर्चना करते है और उनकी कृपा प्राप्त करते है।
शिवरात्रि
शिवरात्रि की रात को पूरे वर्ष की रात्रियों में सबसे प्रमुख स्थान प्राप्त है, जिसमे भक्त सम्पूर्ण रात भगवान शिव की आराधना करते है और भगवान शिव के प्रतीक स्वरुप शिवलिंग पर दूध, दही, शहद, गुलाब जल का अभिषेक करते हुए वैदिक मंत्रों का गायन करते है।
नवरात्रि
चूंकि पल्लियारक्कावु देवी का क्षेत्र होने की वजह से इस स्थल पर नवरात्रि का अपना ही एक विशेष महत्त्व है। हर दिन देवी की एक अलग अलग रूपों में पूजा की जाती है। इन नौ दिनों में लोग कठोर नियमों का पालन करते हुए उपवास रखते है। उत्सव का समापन महानवमी के दिन कन्या पूजन के साथ होता है।
विनायक चतुर्थी
निलक्कल महादेव मन्दिर के उप प्रतिष्ठित देवता कन्निमूल है, जिनका जन्म दिन माध माह की भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन माना जाता है को विनायक चतुर्थी के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन उन्हें लड्डू और मोदक जो उनका प्रिय आहार है प्रसाद के रूप में कन्निमूल को अर्पित किया जाता है।
निलक्कल महादेव मन्दिर का महत्त्व
- निलक्कल महादेव मन्दिर का विशेष महत्त्व इदाथवलम के रूप में सबरीमाला जाने वाले यात्रियों के लिए है।
- निलक्कल महादेव मन्दिर एक खुला स्थान में होने के कारण सबरीमाला जाने वाले यात्री जो अपने निजी वाहन से यात्रा कर रहे होते है। निलक्कल महादेव के दर्शन के साथ ही साथ पार्किंग के लिए स्थान भी पा जाते है।
- निलक्कल महादेव मन्दिर में लोग सबरीमाला की यात्रा के अतिरिक्त सामाजिक गतिविधियों (जैसे कनछेदन, मुण्डन, दान और सामाजिक चेतना को जागृत करने वाले कार्यक्रमों ) के लिए भी एकत्र होते रहते है। जिनका आयोजन समय समय पर किया जाता है।
निलक्कल महादेव मन्दिर कैसे पहुँचे?
हवाई मार्ग से
सबसे निकटतम हवाई अड्डा तिरुवनंतपुरम ( १३६ किमी ) का है जहाँ से दर्शन के लिए आने वाले तीर्थयात्री सड़क मार्ग से निलक्कल महादेव मन्दिर तक पहुँच सकते है। इसके अतिरिक्त कोचीन अन्तराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी है जहा से भी आप निलक्कल महादेव मन्दिर पहुंच सकते है। पेरुनाड में एक छोटा सा हैलीपैड का भी निर्माण किया गया है जो सिर्फ सबरीमाला तीर्थयात्रा के समय ही संचालित किया जाता है।
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