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मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान (बाघों का प्राकृतिक निवास स्थल)

मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान, नीलगिरि जिले में नीलगिरि पहाड़ियों के उत्तर पश्चिम की ओर, कोयंबटूर शहर से लगभग १५० किमी उत्तर पश्चिम में स्थित कई अन्य संरक्षित क्षेत्रों के बीच अपनी रणनीतिक स्थिति के कारण एक महत्वपूर्ण वन्यजीव आवास है। १९८६ में भारत सरकार द्वारा घोषित भारत का पहला बायोस्फीयर रिजर्व बनने का मौका मिला।

भौगोलिक स्थिति अक्षांश और देशांतर - ११°३५′ उ  ७६°३३′ पू  
इसके उत्तर में बांदीपुर और नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान पश्चिम में वायनाड वन्यजीव और दक्षिण में मुकुर्ती राष्ट्रीय उद्यान और साइलेंट वैली नेशनल पार्क है। कर्नाटक और केरल राज्यों के साथ अपनी सीमाओं को साझा करके इस अभयारण्य को ५ श्रेणियों में विभाजित किया गया है मासिनागुडी थेपकाडु मुदुमलाई कारगुडी और नेल्लाकोटा। मुदुमलाई नाम का शाब्दिक अर्थ है - "प्राचीन पहाड़ी श्रृंखला"। यह पश्चिमी घाट लगभग ६५ मिलियन वर्ष पुराना है। इस वन प्रान्त को ब्रिटिश सरकार से १८५७ में निलांबूर के राजा ने काटने के उद्देश्य से किराये पर लिया था। जिसे १९१४ में सिगुर पठार पर बड़े वन क्षेत्रों की कटाई के लिए आरक्षित वन घोषित कर दिया गया। इस वन क्षेत्र को २००७ में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत इसे टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया। भारतीय वन सर्वेक्षण के आकलन अनुसार, मुदुमलाई टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र को तीन भागों में बाँटा गया है -


  • बहुत घना वन क्षेत्र - ४७ वर्ग किमी
  • मध्यम घना वन क्षेत्र - २१५ वर्ग किमी
  • खुला वन क्षेत्र - ५६ वर्ग किमी

जलवायु

मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान में सालाना लगभग १४२० मिमी वर्षा होती है जिसमे से अधिकांश दक्षिण पश्चिमी मानसून से जो की जून से सितम्बर के महीने के दौरान आता है में होती है। दिसम्बर का महीना और जनवरी की शुरुआत के दौरान ठंडे मौसम का अनुभव कराता है लेकिन अप्रैल से पुनः मौसम में गर्मी का आगाज हो जाता है।


मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान में तीन प्रमुख प्रकार के जंगल है। पश्चिमी बेने ब्लॉक में पाए जाने वाले उष्णकटिबंधीय नम पर्णपाती जहां अन्य ब्लॉकों की तुलना में अधिक वर्षा होती है, उद्यान के मध्य में  पाया जाने वाला उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती तथा पूर्व में उष्णकटिबंधीय शुष्क कांटेदार वन तथा इसके अतिरिक्त दक्षिण पश्चिमी और पश्चिमी भाग में उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन के पैच है।


यूं तो पार्क सफारी साल भर चलती है। क्षेत्र की जलवायु उष्णकटिबंधीय आर्द्र प्रकृति की है। इसलिए मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा का सबसे अच्छा समय गर्मियों की शुरुआत या मानसून के ठीक बाद का होगा। यदि आप कूलर तापमान पसंद करते हैं, तो आप सितम्बर और अक्टूबर के दौरान पार्क की यात्रा कर सकते हैं। लेकिन तापमान के गिरावट के साथ जानवरों को देखें जाने की संभावना भी कम हो जाती है।

मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान के आकर्षण

मोयार नदी

घने जंगल के बीच से गुजरती हुई नदी जानवरो को पानी पीने आने पर आसानी से देखने का सुगम स्थल है। यहाँ आपको इनके अतिरिक्त तारा कछुआ, मगरमच्छ तथा विभिन्न प्रकार के पक्षियों और मछलियों को देख सकते हैं।


जंगल सफारी

मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान वैनसफारी वहां की जाने वाली सबसे लोकप्रिय गतिविधि है। बसें आपको राष्ट्रीय उद्यान के मुख्यक्षेत्र में ले जाती है। जहाँ आपकों वन्य जीवो के निशान मिलते हैं, जिनका अनुसरण कर अक्सर आप उन्हें देख सकते हैं। यहाँ आप अजगर, बाघों, तेंदुओं को देख सकते है। इसे दिन में दो बार दो घंटे के लिए बुक किया जाता है।

हाथी सफारी 

रिसेप्शन के पास, जंगल में सफारी के लिए आप हाथी का चुनाव कर सकते हैं। हालाँकि जीप और बस द्वारा की जाने वाली जंगल सफारी के विपरीत हाथी जंगल के अंदर अधिक गहराई तक जाते है।  जिससे आप और पास से वनस्पतियों और वन्य जीवों का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। इसे प्रतिदिन प्रातः ४० मिनट के लिए ही उपलब्ध किया जाता है। 



एलीफैंट फीडिंग कैंप 

यह वह जगह है जहां पर आप हाथियों को उनके प्राकृतिक आवास में और निकट से जान सकते हैं । उन्हें छू सकते हैं, खाना खिला सकते हैं और जलकुंड में नहाते हुए देखने का आनंद ले सकते हैं। अभयारण्य में बंदी हाथियों को संरक्षित क्षेत्र घोषित होने के बाद लकड़ी निष्कर्षण के लिए प्रयोग नहीं किया जाता है। हालाँकि वे इको-टूरिज्म, अवैध शिकार विरोघी अभियानों के लिए गश्त, अभयारण्य या अन्य क्षेत्रों को नियंत्रित करने के लिए इनका उपयोग किया जाता है। इसके पास ही स्थित एक संग्रहालय एक आदर्श स्थान है जहां कुछ वन्य जीव जो मुदुमलाई जंगल का हिस्सा थे को संरक्षित किया गया है। 


मुदुमलाई जंगल में ट्रेकिंग 

वन विभाग के अधिकारी कोर वन क्षेत्र के अन्दर किसी को भी चलने या घूमने की अनुमति नहीं देते हैं। हालाँकि, आसपास के आवास और यात्रा योजनाकारों के माध्यम से बहुत से निर्देशित ट्रैकिंग ट्रेल्स और पर्वत लम्बी पैदल यात्रा गतिविधियां उपलब्ध हैं। 


पक्षी देखना 

ऊँचे, काले जंगलों और वन्य जीवों की प्रचुरता के अलावा, मुदुमलाई प्रचुर मात्रा में पक्षी जीवन का भी दावा करता है। जबकि मोर, जंगली मुर्गी और मालाबार ग्रे हार्नबिल आम हैं, यहाँ आप विभिन्न प्रवासी पक्षी भी पा सकते हैं। पार्क चील, बाज और गिध्द जैसे शिकारी पक्षियों का भी घर है। 



क्या करें और क्या न करें पर महत्वपूर्ण बिंदु

  • टाइगर रिजर्व के नियमों का पालन करें। 
  • टाइगर रिजर्व में अनुमति के साथ प्रवेश की अनुमति केवल निर्दिष्ट घंटो के दौरान ही दी जाती है। 
  • सफारी से पहले थेप्पाकाडु में रिसेप्शन रेंज कार्यालय से प्रवेश की अनुमति प्राप्त करें। 
  • हथियारों / विस्फोटकों / पटाखों के साथ रिजर्व में प्रवेश न करें। 
  • सफारी के दौरान किसी भी तरह का रेडियो या म्यूजिकल आइटम अपने साथ न रखें। 
  • सफारी के दौरान गाड़ी से उतरना और खाना सख्त मना है। 
  • किसी भी जानवर या पक्षी का पीछा या तंग न करें तथा उन्हें खाने के लिए भी कुछ न दे।
  • हाथी की सवारी के लिए अपनी बारी का इंतजार करें और महावत के निर्देशों का पालन करें। 
  • रिजर्व के अन्दर मादक पेय और धूम्रपान का सेवन सख्त वर्जित है। 
  • फर्जी निजी जीप सफारी से सावधान रहें, वे आपको रिजर्व के मुख्य भागों में नहीं ले जाएंगे। इसलिए ठगे नहीं जाएं, हमेशा वन विभाग की वाहन सफारी को ही प्राथमिकता दें। 
  • अपने मूल प्राकृतिक आवास में वन्य जीवो को देख पाना एक संयोग की बात है। एक रिजर्व में सभी जानवरों को देखने की उम्मीद न करें, कृपया बाघ, तेंदुआ या अन्य दुर्लभ वन्य जीवों को न देख कर निराश न हो अपितु सभी छोटे दिलचस्प जानवरों, पक्षियों और वनस्पतियों की द्रष्टि से भी मुदुमलाई टाइगर रिजर्व अपने आप में अनूठा है। 

रात्रि विश्राम और यात्रा को पूर्ण बनाने के लिए कमरे की बुकिंग सम्बन्धित सामान्य निर्देश

  • विश्राम गृहों में जाने से पूर्व थेप्पाकाडु में रिसेप्शन रेंज कार्यालय से प्रवेश की अनुमति प्राप्त करें।
  • जिन लोगों ने कमरे बुक किये हैं, उन्हें प्रवेश के समय रिसेप्शन पर आईडी प्रूफ और बुकिंग रसीद की फोटो कॉपी देनी होती है। विदेशी आगंतुकों के लिए रिसेप्शन पर उपलब्ध फॉर्म सी पर अपना विवरण दर्ज करना अनिवार्य है तथा घरेलू व विदेशी आगंतुकों को कमरा खाली करने पर क्लीयरेंस सर्टिफिकेट लेना आवश्यक है। 
  • चेक इन टाइम : दोपहर १२:०० बजे व चेक आउट टाइम सुबह १०:०० बजे का है। अतः जिन लोगो द्वारा कमरे की बुकिंग की जाती है, उन्हें शाम ६:३० बजे से पूर्व रिसेप्शन रेंज कार्यालय में रिपोर्ट करना होता है और यदि वे निर्धारित समय में ऐसा नहीं करते हैं तो उनके कमरे रद्द किये जा सकते हैं। 
  • विश्राम गृह रिजर्व के कोर जोन और वन्य जीवों के आवाजाही वाले क्षेत्र में स्थित है, इसलिए आगंतुकों को शाम ७ बजे के बाद कमरों से बाहर निकलने, कैंप फायर करने की इजाजत नहीं है। 
  • थेप्पाकाडु में स्थित सभी कमरों के लिए केन्द्रीकृत कैंटीन उपलब्ध है (जिसका सम्पर्क नंबर ७५९८५९७५०० है)। 
  • किसी भी सरकारी सम्पति को अपने साथ ले जाना या नुकसान पहुंचना आपराधिक कृत्य के अन्दर आता है अतः ऐसा कुछ भी न करे।  

वन त्रासदी

१९७९ से २०११ तक उद्यान में १४८ मृत एशियाई हाथियों के अवशेष पाए गए। मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान के मध्य से गुजरने वाली तीन सार्वजनिक सड़कों पर अक्सर ही तेज गति से गुजरने वाली गाड़ियों से सड़क को क्रॉस करने वाले बड़े व छोटे जीवों को दुर्घटना का सामना करना पड़ता है। १९९९ और २०१३ के बीच ६ बार जंगल की आग ने मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान के उत्तरी भाग में २०० एकड़ से ८५ वर्ग किमी के आकार के शुष्क पर्णपाती क्षेत्र को प्रभावित किया है जिसे प्राकृतिक रूप से पुनः पहले जैसे होने के लिए १५ साल से भी अधिक का समय लगता है। 


फोटो गैलरी 



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